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बाल-साहित्य |
बाल साहित्य के अन्तर्गत वह शिक्षाप्रद साहित्य आता है जिसका लेखन बच्चों के मानसिक स्तर को ध्यान में रखकर किया गया हो। बाल साहित्य में रोचक शिक्षाप्रद बाल-कहानियाँ, बाल गीत व कविताएँ प्रमुख हैं। हिन्दी साहित्य में बाल साहित्य की परम्परा बहुत समृद्ध है। पंचतंत्र की कथाएँ बाल साहित्य का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। हिंदी बाल-साहित्य लेखन की परंपरा अत्यंत प्राचीन है। पंचतंत्र, हितोपदेश, अमर-कथाएँ व अकबर बीरबल के क़िस्से बच्चों के साहित्य में सम्मिलित हैं। पंचतंत्र की कहानियों में पशु-पक्षियों को माध्यम बनाकर बच्चों को बड़ी शिक्षाप्रद प्रेरणा दी गई है। बाल साहित्य के अंतर्गत बाल कथाएँ, बाल कहानियां व बाल कविता सम्मिलित की गई हैं। |
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मिठाईवाली बात - अब्दुलरहमान ‘रहमान' |
मेरे दादा जी हे भाई, |
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नई सदी के बच्चे - त्रिलोक सिंह ठकुरेला |
नई सदी के बच्चे हैं हम |
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फ़ौसफ़र - दिव्या माथुर |
बिन्नी बुआ का सही नाम बिनीता है पर सब उन्हें प्यार से बिन्नी कहते हैं। बिन्नी बुआ के पालतु बिल्ले का नाम फ़ौसफ़र है और फ़ौसफ़र के नाम के पीछे भी एक मज़ेदार कहानी है। जब बिन्नी बुआ उसे पहली बार घर में लाईं थीं तो उसके चमकते हुए सफ़ेद और काले कोट को देख कर ईशा ने चहकते हुए कहा था। |
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चींटी सेना - विष्णु शर्मा |
बहुत समय पहले की बात है। किसी वन में एक अजगर रहता था। वह बहुत अभिमानी तो था ही, अत्यंत क्रूर भी था। वह जब बाहर निकलता सब जीव उससे डरकर भागने लगते। एक बार अजगर शिकार की तलाश में घूम रहा था। सारे जीव उसे बाहर निकला देख भाग चुके थे। उसे कुछ न मिला तो वह क्रोधित होकर फुफकारते हुए, भोजन की तलाश करने लगा। एक हिरणी अपने नवजात शिशु को पत्तियों के ढेर के नीचे छिपाकर स्वयं भोजन की तलाश में दूर निकल गई थी। |
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गुरु और चेला - सोहन लाल द्विवेदी |
झगड़ने लगे फिर गुरु और चेला, |
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महान सोच - सुरेन्द्र सिंह नेगी | बालकथा |
एक बार चीन के महान् दार्शनिक कन्फ्यूशियस से मिलने एक राजा आया। उसने उनके सामने कई सवाल रखे। इसी क्रम में उसने पूछा, "क्या ऐसा कोई व्यक्ति है, जो महान हो, लेकिन उसे कोई जानता न हो। " |
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